**”अँधेरे से सवेरा: उजागर होती राहें”** ✨

अब क्या कहें, दिल बर्बाद है,
हर सिम्त अँधेरा, आँखों में आंसू प्यारा।
धीरे-धीरे अपनी ज़द में ले लेगा शायद,
कोहरे को मिटाने का समय आया है, बदला लगता है विचार।
मौसम हठधर्मी, बस रुका है विरह,
मनहूस कोहरे को मिटाने, हर दिल में है आशा बहुत गहरी।
एक नया सवेरा, आने वाला है,
जीवन की राहों में खुशियों की बहार, जगाने का समय है यार।

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