“त्याग और सांस: जीवन का संतुलन”

त्याग की बातें हैं अनमोल,
संग चलना है मन का खेल।
सांसों की महक, त्याग की लगान,
जीवन का संतुलन, है बहुत ही बेहतर यहाँ।
सांसें छोड़ना, सांसें लेना,
है एक प्रक्रिया, जीवन की यह देना।
त्याग के बिना, कुछ भी संभव नहीं,
है यह सत्य, अवश्य सुनो तुम।
जीवन का सार, है त्याग में ही,
समझो इसे, बनो सुरीला संगी।

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