दरिया

दरिया
समुद्र सा है दरिया, अथाह और अजेय,
लहरों की कहानी, हर पल नई बताए।
धूप में चमकता, सोना रेशम सा,
चाँदनी की मासूमियत, छू जाए तमन्ना।
बूँदें बन जाए सागर, कई कहानियों की मुसाफिर,
पता नहीं कहाँ से आता, रास्तों को सवारिया।
मिलती हैं सपनों में, सहेजे हुए राज,
बहता है दरिया, लहरों का साज।
मन की उलझनों को, बहती रेशमी धारा,
जीवन की कठिनाइयों को, कर देता है साहस सारा।
दरिया है मेरे अंदर, सबकुछ छुपा बैठा,
जैसे कि तुम्हारी मुस्कान में, सच्चाई है छुपी हुई।
इसकी महक बहती, हर पल मेरे संग,
जैसे कि मेरे दिल की, एक खास सी जुबां।
दरिया है अनगिनत कहानियों का मेला,
और मैं इसका एक हिस्सा, बना हूँ अपनी कहानी में।
इसमें है रहस्य बहुत, और भी है राज,
दरिया मेरी जिंदगी, है मेरा एक प्यारा सा राज।

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