नालंदा, भारत के बिहार राज्य में स्थित एक प्राचीन और महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र था। यह अद्भुत गुरुकुल और विश्वविद्यालय का संस्कृति और ज्ञान का केंद्र रहा है जो भारतीय शैक्षणिक परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं सदी में आरंभ हुई थी, और इसके पास विदेशी छात्र भी आते थे जो विभिन्न विषयों में अध्ययन करने के लिए आते थे। यहां अध्यनरत थे बौद्ध, जैन, हिन्दू, वेदांत, न्याय, और व्याकरण आदि के छात्र। नालंदा विश्वविद्यालय ने भारतीय शिक्षा और विज्ञान को एक नए स्तर पर पहुंचाया था और इसे एक विश्वविद्यालय के रूप में पहचाना जाता है।
नालंदा विश्वविद्यालय का संग्रहालय आज भी इस स्थान का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर को दर्शाता है। यहां बौद्ध विहार, शिक्षक कुण्डलीक, वेदशाला, बुद्ध स्तूप, और धार्मिक स्थल हैं जो इस अत्यधिक विद्या केंद्र के प्रभावशाली इतिहास की गहरी छाया बनाए रखते हैं।
नालंदा के इस शैक्षिक केंद्र का आदान-प्रदान आधुनिक शिक्षा के लिए भारतीय और विदेशी छात्रों को प्रेरित करता है, और इसका विलिन हमें यह दिखाता है कि भारतीय संस्कृति में विद्या को किसी भी रूप में महत्वपूर्णता दी गई है।