एक परिवार की कहानी, सुनो हमारी,
वारिकचा की मुस्कान, हमें भी है प्यारी।
२३ फरवरी को आई वह रात,
जब आई दुनिया में एक नया सवेरा साथ।
तिलक की राह पर चला करते हैं हम,
१८ जून को, संग साजी वारिकचा का दुल्हा आया।
२१ जून को आई खुशियों की बौछार,
घर में हंसी, खुशी से है भरा हमारा प्यार।
सौरभ और वैशाली, एक-दूसरे के साथ,
बना रहें यह सफल और खुशियों से भरपूर साथ।
हमारा परिवार, हमारी कहानी,
प्यार और आदान-प्रदान की भरी रौंगत।
खुशियों भरी सगाई, हमारी मिलकर बनी,
इस गाने में है छुपा, हमारा प्यार का सिरोरा।