फोन Business and Industry — · 0 Comment Post Views: 88 फोन की ख़ोज में, रात की खामोशी, बीते पलों की यादें, स्पर्श है सोहबत में। आसमान की ऊँचाई, छू ली एक छुँटी, फिर भी लगता है, फोन से है साथ रूठी। दोपहर की छाँव में, एक संदेश बिखरा, बीती रात की कहानी, फोन में है बसी हुई।