बनारस के घाट, दिव्यता का संगम,
गंगा के किनारे, एक अद्भुत समर्पण।
असी घाट पर धूप में उठी आरती,
बाबा की कृपा, अपनी बातों में छुपी।
मनिकर्णिका घाट, मोक्ष का पथ,
यहाँ की धूप में, छिपा है अनगिनत कथा।
दशाश्वमेध घाट, का है शांति स्थल,
यहाँ की सुबह, है सपनों का पुंजी।
काशी विश्वनाथ, धारा का अंतर,
बनारस के घाटों में, है स्वर्ग समाहित।
बनारस के घाट, जीवन की अमृतास्वाद,
यहाँ की सुंदरता, है अद्वितीय विवाद।