बसंत पंचमी आई, खुशियों का त्योहार,
दया रण का जन्म, है ये खास इज़हार।
सूरज की किरनें बिखराएं महका,
फूलों का रंग बिरंगी एक महफ़िल का।
दिल से दिल मिलाएं, गुंगुनाएं गीत,
दया रण के जन्म दिन में, हो जश्न इतना स्वीट।
चाँदनी रात में सितारे भी मुस्कुराएं,
हर एक पल हो खुशियों से भरा, साथ निभाएं।
बसंतु का है जन्म, हम सब साथ हैं यहाँ,
प्यार और मुस्कान से भरा, यह नया एक साल का जहाँ।