राम लला विराजमान: एक कविता

जय श्री राम, हरी भक्ति में राम,
अयोध्या के शहर में, धरती पर अवतार होने का समय आया।
दादा हर सुख दास के मंदिर में, कलश यात्रा चली,
भक्तों की भरी भीड़ ने गूंथा, आसमान में राम लला का प्यार है छाया।
धरा भूमि राम की, हृदय में प्रेम की बात है,
अब मंदिर बनेगा, श्री राम लला का विराजमान होगा स्थान है।
सुरमा सी रातें, आराधना में हीरा है,
जय श्री राम की महिमा, हर दिल में बसा है।
मंदिर की चहल-पहल, भक्ति का संगीत है,
आज विराजमान हो रहा है, राम लला का सुंदर विग्रह है।
जो राम की कथा गाए, उनका ह्रदय भी गुँथा,
आशीर्वाद हो आप सभी पर, इस पवित्र दिन की सुबह है आई।

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