रिश्तों की पाठशाला, ओजस्वी गीत है,
यहाँ नहीं है राजनीति, नहीं है गणित की बातें।
प्रेम और समर्पण, इसकी पढ़ाई हो रही,
चाहते हैं हम सब, खुशियों का सफर तय करें।
हृदय से जुड़े, ये रूप अनूप हैं,
भर दे जीवन को, रंगीन ख्वाहिशों से सजा है।
समझदारी की बातें, मिले सही दिशा,
इस पाठशाला में, है सच्चे और प्यारे रिश्तों का खजाना।