सुख की खोज में, राह पर चलो,
मिलेगी खुशी, जब आत्मा से मिलो।
मांगने से नहीं, देने में खोजो,
अपने अंतर में, सुख को बहाल करो।
क्या-क्या है तुम्हारे पास, सोचो एक बार,
धन नहीं, मगर संतुष्टि का ताज।
खुशी तो है यही, जो है तुम्हारा,
बिना चाहे, जीवन को सजाओ सारा।