“यार से ऐसी यारी रख,
दुःख में भागीदारी रख।
चाहे लोग कहे कुछ भी,
तू तो जिम्मेदारी रख।
वक्त पड़े काम आने का,
पहले अपनी बारी रख।
मुसीबते तो आएगी,
पूरी अब तैयारी रख।
कामयाबी मिले ना मिले,
जंग हौंसलों की जारी रख।
बोझ लगेंगे सब हल्के,
मन को मत भारी रख।
मन जीता तो जग जीता,
कायम अपनी खुद्दारी रख।”