मंगल ऑर्बिटर मिशन (MOM), जिसे मंगलयान भी कहा जाता है, भारत का पहला अंतरग्रही मिशन है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसरो) ने नवम्बर 2013 में लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य मंगल की सतह, मोर्फोलॉजी, वायुमंडल, और खनिजशास्त्र का अध्ययन करना था। यह सितंबर 2014 में सफलतापूर्वक मंगल के कक्षा में प्रवेश कर गया, जिससे भारत को मार्सीयन कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई राष्ट्र और दुनिया में पहली कोशिश में सफलता मिली। इस मिशन को उसकी लागत-कुशलता और तकनीकी उपलब्धि के लिए सराहा गया।
मंगल ऑर्बिटर मिशन

मंगलयान की विशेषज्ञता:
– लॉन्च: 5 नवम्बर 2013
– मिशन प्रकार: ऑर्बिटर
– उद्देश्य: मंगल की सतह, मोर्फोलॉजी, वायुमंडल, और खनिजशास्त्र का अध्ययन
लागत: लगभग $74 मिलियन (इसे सबसे लागत-कुशल मार्स मिशनों में से एक माना जाता है)
मुख्य व्यक्ति: डॉ. के. राधाकृष्णन मिशन के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसरो) के चेयरमैन थे।
यात्रा की दूरी: अंतरिक्ष यान ने मंगल के कक्षा तक पहुंचने के लिए लाखों किलोमीटर तय किए और इसकी कई मीटिकुल्स मार्स मिशन के दौरान यात्रा की गई हो सकती है।