यह कहानी है मोटरोला की,
जब गूगल ने उसकी डोर थामी,
12.5 बिलियन का वो सौदा,
दुनिया में मची खलबली भारी।
पेटेंट्स थे असली वजह,
टेक्नोलॉजी की दौड़ में, रखना सबक,
एंड्रॉइड को बचाना था,
Apple से जंग को जीताना था।
हार्डवेयर में था बड़ा सपना,
फोन की दुनिया में करना था कब्जा,
सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर का खेल जमाना,
अपने सिस्टम को ऊंचा उठाना।
बाज़ार में हिस्सेदारी कम सही,
3 से 5 परसेंट रही,
पर मिड-रेंज फोन का जलवा,
अमेरिका में खूब चला।
Moto G, Moto E, सबने देखी,
बजट फोन में जनता ने सराही,
लैटिन अमेरिका में धाक जमाई,
सस्ते में दमदार परफॉर्मेंस लाई।
ल turnover की बात करें,
10 बिलियन का कारोबार करें,
Lenovo के साथ ये बढ़े,
स्मार्टफोन की दुनिया में रफ़्तार चले।
विज्ञापन में डिजिटल का जोर,
सोशल मीडिया पे खूब शोर,
लंबी बैटरी, दमदार फीचर्स,
प्रमोट किया यूजर्स के बीच भरपूर।
मोटरोला की ये थी चाल,
गूगल से शुरू, फिर Lenovo की हाल,
टेक्नोलॉजी की रेस में आगे बढ़ी,
स्मार्टफोन की दुनिया में धाकड़ लड़ी!