तुम से तुम तक

तुम से तुम तक

(By Saurabh)

 

मेरी खुशियां, मेरी लड़ाइयां,

बस तुम से, और तुम तक।

 

मेरी सांसों का हर सबब,

मेरे दिल की हर धड़कन तक।

 

मेरी पूरी उम्र का,

मुआवजा हो सिर्फ तू।

 

तू ही जीत, तू ही सुकून,

तू ही मे

रा हर रूबरू।