बदलता इंसान 💭

💭 बदलता इंसान 💭

मैं वही इंसान था…
जो ज़रा सी तकलीफ़ पर
आसमान सिर पर उठा लेता था। ☁️⚡

दिल का बोझ हल्का करने के लिए
हर किसी को अपनी पीड़ा सुना देता था,
शिकायतें करता था, आंसू बहा देता था। 😔💧

पर अब वक्त ने सिखा दिया है…
कि हर दर्द बताना ज़रूरी नहीं,
हर आंसू दिखाना ज़रूरी नहीं। 🕯️

अब मैं चुप रहना सीख गया हूँ,
अब मैं अपनी तकलीफ़ों को
दिल के कमरे में बंद कर देता हूँ। 🗝️💔

क्योंकि लोग सुनते तो हैं,
पर समझते बहुत कम हैं।
कुछ मज़ाक बना देते हैं,
कुछ बोझ समझकर दूर हो जाते हैं। 🕊️

इसलिए आज…
अब किसी को बताने का मन ही नहीं करता।
तकलीफ़ दिल में रहती है,
चेहरे पर मुस्कान रहती है। 🙂🌹

और यही चुप्पी
अब मेरी सबसे बड़ी ताक़त बन गई है। 💪✨