भाग्य से भी ऊंचा Posted on by भाग्य से भी ऊंचा कर्म है, जो स्वयं के हाथों में है। क्यों ढूँढें सितारों में निशान, जब राह खुद हम बना सकते हैं? हर कदम पर, कर्म ही दीपक है, जो अंधेरों को मि टा सकता है।
Aapka tarana दोस्ती की गहराई 0 हमें आपकी चिंता है, दोस्त, आपकी खुशियों की हमें क्या कीमत! जो भी आपके दिल के क़रीब है, उसका हर दर्द भी हमें दर्द से […]
Aapka tarana गैस 0 गैस, एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी है यह धातु। रसोईघर से लेकर उद्योग तक, गैस है, आपके जीवन का हर […]
Aapka tarana इतवार व्रत कथा 0 इतवार व्रत कथा कहीं बहुत पुराने समय की बात है, एक गाँव में एक नामी भक्त रहता था जिसका नाम सुधीर था। सुधीर भगवान सूर्य […]