फोन Posted on by फोन की ख़ोज में, रात की खामोशी, बीते पलों की यादें, स्पर्श है सोहबत में। आसमान की ऊँचाई, छू ली एक छुँटी, फिर भी लगता है, फोन से है साथ रूठी। दोपहर की छाँव में, एक संदेश बिखरा, बीती रात की कहानी, फोन में है बसी हुई।
Aapka tarana सूरज की किरणें छू रहीं ज़मीन, सौरभ, मकर संक्रांति आई है, खुशियाँ भर रहीं हैं सीन 0 सूरज की किरणें छू रहीं ज़मीन, सौरभ, मकर संक्रांति आई है, खुशियाँ भर रहीं हैं सीन। पतंग उड़ाएं दिल, आसमान को छू जाएं, रंगों से […]
Aapka tarana जीवन की छाया: सफर और संघर्ष 0 जीवन का सफर है अजीब, लेकर आते हैं ख्वाब हर पल, लड़ते हैं हम सब कुछ पाने के लिए, पर राहों में मिलती हैं कई […]
Aapka tarana सूर्य देव 0 सूर्य देव की किरणें छूमंतर, पृथ्वी पर बिखराएं रौंगतें प्यार। उगते चेहरे को छू ले रोशनी से, जीवन को भर दे नयी सी बहार। प्रकाशमय […]