“सुप्रभात कविता”
हर भोर नई किरणें, नई आस जगाएं,
जीवन के हर पथ को, रौशनी दिखाएं।
बंद आँखों में सपनों का संसार हो,
खुली आँखों में मेहनत का उद्गार हो।
नयी सुबह में नई ऊर्जा का संचार हो,
हर दिन बने अनमोल, यही हमारा विचार हो।
प्रकृति की गोद से, सीखें हम धैर्य और प्रेम,
हर पल को जिएं सच्चे दिल से, न करें कोई द्वेष।
उठो, बढ़ो और आगे चलो, यही है सफर की पहचान,
हर नया सवेरा देता है हमको नयी उड़ान।
– रचनाकार सौरभ कुमार