ज़रूरतों का रिश्ता ✍️ – सौरभ Posted on by ज़रूरतों का रिश्ता ✍️ – सौरभ लोग आते हैं पास तभी, जब कोई स्वार्थ निभाना हो। खामोश हो जाते हैं सब, जब कुछ हाथ न आना हो। सच तो यही है जीवन का, रिश्ते अक्सर शर्तों से चलते हैं। पर असली अपनापन वही, जो बिना माँगे संग ढलते हैं। 🌹
Aapka tarana सुक्रवार व्रत कथा 0 सुक्रवार व्रत कथा कहीं बहुत पुराने समय की बात है, एक गाँव में एक व्रतानुरागी भक्त रहता था जिसका नाम रमेश था। रमेश भगवान लक्ष्मी […]
Aapka tarana उम्मीद की किरण 🌟 0 कदम पे हो नया सफर, 🏞️ राह में हो चाहे कितनी ठोकरें, 🚧 दिल में रखो बस खुद पर नज़र। 💫 अंधेरों से डरना […]
Aapka tarana दिल्ली की सर्दी 0 दिल्ली की सर्दी, ठंडी हवा का संगीत, कार्पेट की बर्फ, रूमाल की आध राहत। धूप में छुपी सुनहरी धूप, जैसे किसी की मुस्कान, दिल्ली की […]