“दर्द का संगीत: किशलया के साथ”

दर्द की एहसास है,
सच्चाई सबको पता है।
फिर भी, उस दर्द के में,
शर्मिंदा होता होगा।
किसी के दर्द को छूना,
वही किशलया होता है।
दर्द को छूकर उसका,
गुज़रना नहीं होता होगा।