रिश्तों Posted on by एक सवाल घर कर गया है, दिल के रोज़ाना कोने में। गीत छुपा है रात की चादर के, राज़ के परदे के पीछे में। शीशा बनाऊं या पत्थर इसे, रिश्तों के इस बदलते समय में।
Aapka tarana महकती ज़िंदगी: एक कविता का सफर 0 आओ, जलाएं दिए इस कविता के संग, *फूंक मारकर हम दिए को बुझा सकते हैं,* *पर अगरबत्ती को नहीं।* शब्दों में छिपा है जीवन का […]
Aapka tarana बरसात का मौसम आया, 0 बरसात का मौसम आया, 🌧️ सपनों की दुनिया सजाया, 🌈 छोटे-छोटे पानी के बूँदें,💧 दिल में प्यार का रंग भरें,💖 खुशबू […]
Aapka tarana achhi bate शुभ रक्षाबंधन 0 🌸 शुभ रक्षाबंधन 🌸 महसूस कीजिए — ✨ अच्छा होने का सुख, ✨ ऊर्जा से भरपूर होना, ✨ प्रेरित होने का जज़्बा, ✨ हौसला पाने […]