रिश्तों Posted on by एक सवाल घर कर गया है, दिल के रोज़ाना कोने में। गीत छुपा है रात की चादर के, राज़ के परदे के पीछे में। शीशा बनाऊं या पत्थर इसे, रिश्तों के इस बदलते समय में।
Aapka tarana Facebook 0 Facebook के बारे में जानकारी हिंदी में नीचे दी गई है: 1. शुरुआत: Facebook की शुरुआत 4 फरवरी 2004 को हुई थी। इसे मार्क ज़करबर्ग […]
Aapka tarana पत्र: भावनाओं की संध्या 0 शब्दों की नृत्यरंगीनी, पत्रों में बसी, स्याही के जादू में, भावनाएँ कहीं बसी। कागज़ के कैनवास पर, कहानियाँ हो जाती हैं, अजनबी दस्तक, पत्रों में […]
Aapka tarana इज्जत की राह 0 ✨ इज्जत की राह ✨ ✍🏻 By Saurabh इज़्ज़त वो ख़ुशबू है, जो चुपचाप महकती है, शब्दों से नहीं, सच्चे कर्मों से चमकती है। 🌼 […]