प्राकृतिक सौंदर्य भरी, वन्यवर्ण की कहानी,
पहाड़ों की ऊँचाई से, हरियाली की गलियारी।
नदियों की धारा, गाती सुरीली गान,
मिलते हैं समर्थ, प्रकृति के रूप अनेक।
पेड़ों की छाँव, फूलों की खुशबू,
यहाँ है प्रेम भरा, स्वभाव अमृत की बू।
सूर्य की किरणों से, चमकता है सभी कुछ,
प्राकृतिक समृद्धि, हर दिल को है बहुतुफान।
आओ मिलकर रक्षा करें, इसे अपनाएं सब,
प्राकृतिक सुंदरता को, सजाएं हर कदम।