“संतुष्टि का ताज: खुशी की खोज में” Posted on by सुख की खोज में, राह पर चलो,मिलेगी खुशी, जब आत्मा से मिलो। मांगने से नहीं, देने में खोजो,अपने अंतर में, सुख को बहाल करो। क्या-क्या है तुम्हारे पास, सोचो एक बार,धन नहीं, मगर संतुष्टि का ताज। खुशी तो है यही, जो है तुम्हारा,बिना चाहे, जीवन को सजाओ सारा।
Aapka tarana क्यों इंटरनेट के राह 0 क्यों इंटरनेट के राह में मजबूर हो गए इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए ऐसा नहीं कि वाईफाई की रफ़्तार नहीं लेकिन ये […]
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Aapka tarana समाज में मिलावट ना हो, एकता का संग। सबको समझो 0 1. समाज में मिलावट ना हो, एकता का संग। सबको समझो, बनो एक सुखी जीवन के रंग। 2. भाईचारा बढ़ाओ, छोड़ो दुर्भाव। प्रेम […]