भोलेनाथ, शंकर, त्रिलोचन,
अंतर्यामी, महाकाल का ध्यान।
त्रिपुरारी, भूतेश, नीलकंठ,
महादेव, रुद्र, हर हर महादेव।
आपकी तांडव में है सृष्टि का सार,
धरा पर छाए हैं आपके चारों दिशाएं।
गंगा के धारा में बसे हैं आपके चरण,
भक्तों का हृदय आपके विचारों में है।
भोलेनाथ, हर हर महादेव,
आपके चरणों में हमारा निवास।