कालकाजी की धरा में भजन बजता,
हरियाली से भरी वहां राता।
भक्तिभाव से ओतप्रोत है वहां,
भगवान की महिमा में रमता।
ध्वनि से भरी अपनी गलियों में,
सुना दे भक्तों का भजन वहां।
मधुर संगीत की मिठास में,
भक्ति का आलोक है चमकता।
चरणों में लिपट, हर दिन यहां,
जीवन बना धार्मिक और सात्विक कांपता।
भगवान के साथ, सफल और शांत,
कालकाजी की भक्ति से भरा रहता।