दिल्ली की बारिश में सफ़र लंबा है, रास्ते धुंधले हैं, मंज़िल धुँधला है। पर कदम-कदम पर रोशनी जलती है, दिल में उम्मीद की लौ हर पल जलती है।
पानी बरसता है, आसमां रोता है, फिर भी मन में एक नया सपना बोता है। रास्ते चाहे जैसे भी हों कठिन, हिम्मत कभी न हारने की कसमें होती हैं पक्किन।
हर बूंद की तरह हम गिरते-संभलते हैं, जीवन के सफ़र में हम आगे निकलते हैं। मुसीबतें चाहे जितनी भी आ जाएं, दिल्ली की बारिश भी हमें नहीं रोक पाए।
— सौरभ कुमार