इंजीनियर, तुम सृजन के नायक हो,
पल-पल नये सपने सजाते हो।
तुम्हारे हाथों में है जादू सा,
नयी दुनिया की रचना कर जाते हो।
हर मशीन, हर पुल, हर रास्ता,
तुम्हारे ख्वाबों का आईना है।
तुम्हारी मेहनत से चमकती दुनिया,
सपनों का एक हसीन तराना है।
इंजीनियर, तुम हो प्रेरणा की किरण,
राह दिखाते हो अंधेरे में भी।
आओ, आज इस दिन को मनाएं,
हर निर्माण में खुशियों की रोशनी भरें सभी।
सृष्टि के सच्चे शिल्पकार तुम हो,
इंजीनियर,
तुम महान हो!