ज़िंदगी के मायने**  

**ज़िंदगी के मायने**

 

इंसान बिना मुहूर्त के जन्म लेता,

फिर भी मुहूर्त के पीछे हर दिन दौड़ता।

शांति बिना मुहूर्त के मिलती है कहीं,

पर फिर भी मुहूर्त का पीछा करती है यही।

 

जीवन की राह में हर पल नया मुहूर्त,

मगर असली खुशी मिलती है दिल के सुकून से।

मुहूर्त को छोड़, दिल की आवाज़ सुनो,

खुश रहोगे तुम, यही है असली सफर, यकीन करो।

 

 

**भावना:**

इस कविता में जीवन के सच्चे मायने समझाने की कोशिश की गई है। मनुष्य अक्सर शुभ समय (मुहूर्त) के पीछे भागता है, जबकि असली शांति और खुशी तो उसके अपने मन में ही होती है। बाहरी चीज़ों के बजाय अगर वह अपने दिल की सुनें, तो जीवन सार्थक बन जाता है।

 

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