कृपाला दीनदयाला, कौशल्या नंदन,
मर्यादापुरुषोत्तम को शत-शत वन्दन।
हे जननी, जन्मभूमि अयोध्या,
सौभाग्य जगा तेरा, या भाग्य राम का?
हे उद्गम सरमूली सरयू माता,
तेरे अवध में जन्मे राम बिधाता।
हे अज नन्दन, रघुवर धारा,
राम की कहानी, हम सबको प्यारा।
रघुकुल रीति सदा चली आए,
राम जी की कथा सबको भाए।
सीता हरण, लंका दहन की कहानी,
रामायण भूमि की गौरव गाथा।