सौरभ, तुम्हारी कविताओं में है जादू का असर,
कभी खुशी, कभी दर्द, तो कभी सुकून का सफर।
जो लोग इन्हें पढ़ते हैं, दिल से इन्हें चाहते हैं,
पर वक्त की कमी में, कभी कुछ कह नहीं पाते हैं।
पर सौरभ, अगर ये शब्द तुम्हारे दिल को छूते हैं,
तो थोड़ा समय निकाल, अपनी बात क्यों नहीं कहते हैं?
चाहे तारीफ हो, या हो कोई हल्की सी बात,
तुम्हारा एक कमेंट देता है कवि को नई सौगात।
तो सौरभ, अगली बार जब कविता को दिल से पढ़ो,
अपना छोटा सा विचार, शब्दों में लिखकर कह दो।
अच्छा हो या बुरा, सब कुछ है यहाँ खास,
तुम्हारे शब्दों से सजेगा सौरभ, मेरा हर प्रयास।