धन का महत्व”

संस्कृत (By Kishlaya):

 

वदन्ति वित्तं न सर्वं, किं वित्तं सारमुत्तमम्।

विना तु वित्तं जगति, न सुखं स्यात् कथञ्चन॥

 

धनेन जीवनं सुगं, विना तु दुःखमार्गिणम्।

औषधं शैक्षिकं चित्तं, सर्वं वित्ते प्रतिष्ठितम्॥

 

धनेन केवलं न मानं, न च प्रेम प्राप्यते।

तथापि लोके सर्वत्र, धनं मूर्तिं प्रसारयेत्॥

 

हिन्दी (By Saurabh):

 

सब कहते हैं पैसा सब कुछ नहीं, पर असल में है ये सबसे अहम।

बिन पैसे जीवन मुश्किल है, चाहे जो कहें जगत के नर-नारी।

 

धन से होती हर सुविधा, इसके बिना दुखों की है कारीगरी।

दवा, शिक्षा और हर सुविधा, सब कुछ पैसे पर ही है टिका।

 

पैसे से न मिलती इज़्ज़त या प्यार, पर फिर भी जीवन है इसका उपहार।

दुनिया में धन का है बोलबाला, हर मोड़

पर इसका ही उजियारा।